निकाले गए संतो को पुलिस प्रशासन के द्वारा फिर से आश्रम में भेजा गया

सिलीगुड़ी:- रात को अराजकतत्वों द्वारा राम कृष्ण मिशन आश्रम सेवक हाउस से संतों को मारपीट कर निकाले जाने के चार दिन बाद पुलिस ने उन्हें वापस आश्रम में प्रवेश कराया। इसके साथ ही सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता रखने के उद्देश्य भक्तिनगर थाना की पुलिस वहाँ तैनात कर दी गई है। कानून में विश्वास रखने का आश्वासन जताते हुए राम कृष्ण मिशन के संत आरोपितों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई के इंतजार में हैं। गुरुवार को भक्ति नगर थाना प्रभारी अमित अधिकारी स्वयं संतों को लेकर सेवक हाउस पहुंचे और ताला खोलकर संतों का आश्रम में प्रवेश कराया। इस दौरान राम कृष्ण मिशन जलपाईगुड़ी के सचिव स्वामी शिव प्रेमानंद और मिशन के कानूनी सलाहकार विश्वव्रत बसु नंदी भी उपस्थित थे। पहले की भांति अच संत सेवक हाउस में रहेंगें। बल्कि अब धीरे-धीरे पहले की तरह भक्ति-सेवा समेत सभी प्रकार की गतिविधि आश्रम में शुरु करने का आश्वासन स्वामी शिव प्रेमानंद ने दिया है। पुलिसिया कार्रवाई पर संतोष व्यक्त करते हुए स्वामी शिव प्रेमानंद ने कहाकि संभवतः अब दोबारा कानून व्यवस्था भंग होने की स्थिति उत्पन्न न होगी।ज्ञात हो कि पिछले दिन रविवार को तड़के प्रदीप राय समेत कुछ अराजकतत्व राम कृष्ण मिशन के ‘सेवक हाउस’ की दीवार फांदकर अंदर घुसे और सुरक्षा कर्मी और संतों पर हमला कर दिया। मिशन की ओर से उक्त घटना की शिकायत भक्ति नगर थाना में दर्ज कराई गई। आरोप है कि हथियारों से लैस प्रदीप राय 10 से 12 अराजकतत्वों को लेकर सेवक हाउस में घुस आए और वहां मौजूद संतों पर हमला कर दिया, मोबाइल आदि लूट-पाट कर उन्हें बाहर निकाल दिया। दूसरी तरफ प्रदीप राय ने भी मिशन प्रबंधन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। इस घटना से देश की राजनीतिक घमासान तेज हो गया। इसके बाद बीते मंगलवार की रात को पुलिस ने हमलावरों में शामिल पांच लोगों को गिरफ्तार किया। फिर गुरुवार को सुबह संतों को आश्रम में प्रवेश कराया।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तक सभी ने इस पर प्रतिक्रिया दी. उधर, पुलिस ने घटना की जांच के बाद कुछ लोगों को गिरफ्तार किया है. इसी बीच मिशन के भिक्षुओं ने सेवक भवन पर पुनः अधिकार कर लिया।

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