जिला कमेटी में फेरबदल की तैयारी, कई बर्खास्त

•कल जिलाध्यक्षों संग बैठक करेंगी ममता, दार्जिलिंग सीट पर होगी चर्चा

  • कुछ नये लोगों को मौका मिलने की संभावना

•बड़े स्तर पर फेरबदल होने की संभावना

•बैठक में वर्चुअल शामिल होंगी पापिया घोष

सिलीगुड़ीः प्रशासनिक बैठक के बाद अब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पार्टी नेताओं के साथ सांगठनिक बैठक करने वाली हैं। पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 27 जून को तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी प्रदेश के सभी जिला नेतृत्व के साथ बैठक करेंगी। इसमें बैठक में पार्टी के अधिकांश जिलाध्यक्ष वर्चुअल शामिल होंगे। इस बैठक में ही दार्जिलिंग जिला तृणमूल कांग्रेस का सांगठनिक भविष्य भी तय हो जाएगा। माना जा रहा है कि बड़ा फेर-फदल होगा। इस बैठक के बाद कईयों की कुर्सी जाएगी।पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दार्जिलिंग लोकसभा सीट पर बार-बार मिल रही हार से प्रदेश नेतृत्व काफी नाराज है। इसलिये अबकी बार पार्टी किसी को बख्शने की मूड में नहीं है। जिसका ट्रेलर बीते सोमवार को हुई प्रशासनिक बैठक में देखने को मिला। यहां तृणमूल संचालित सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देव को तृणमूल सुप्रीमो ने जमकर फटकार लगाई। अब संगठन की बारी है। माना जा रहा है कि दार्जिलिंग जिला (समतल) तृणमूल कांग्रेस, तृणमूल युवा कांग्रेस, तृणमूल महिला कांग्रेस, तृणमूल छात्र परिषद और तृणमूल समर्थित श्रमिक संगठन आइएनटीटीयूसी की कमेटी भंग कर दी जाएगी। तृणमूल कांग्रेस दार्जिलिंग जिलाध्यक्ष (समतल) पापिया घोष को फिर एक बार मौका मिल सकता है, लेकिन अन्य संगठन के जिलाध्यक्षों की छुट्टी तय है। प्रदेश नेतृत्व ब्लाक अध्यक्ष से लेकर वार्ड अध्यक्ष किसी को बख्शने के मूड में नहीं है। इस बार कुछ नए लोगों को संगठन में मौका मिल सकता है। इसके अलावा कुछ पुराने लोगों को वापस जिला और ब्लाक में जिम्मेदारी दी जा सकती है।
दूसरी तरफ संगठन के अलावा नगर निगम में एमएमआइसी के पद पर बैठे कुछ पार्षदों की भी छुट्टी हो सकती है। नए पार्षदों को एमएमआइसी बनाया जा सकता है। तो वही जब इस बारे में तृणमूल कांग्रेस जिलाध्यक्ष पापिया घोष से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सांगठनिक बैठक होंगी। वह इसमें वर्चुअल शामिल होंगी। वह लोकसभा चुनाव पर अपनी रिपोर्ट देंगी। कौन पद पर रहेगा और कौन हटेगा इस बारे में फिलहाल उन्हें कोई जानकारी नहीं है। प्रदेश नेतृत्व को जो सही लगेगा, वह फैसला लेंगे। पार्टी के तरफ से उन्हें जो जिम्मेदारी दी जाएगी उसे वह पूरा करेंगी। उनके नेतृत्व में पार्टी को नगर निगम और महकमा परिषद में जीत मिली थी। पार्टी के वरिष्ठ नेता ने अपना नाम जाहिर न करने के शर्त पर बताया कि लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी के भीतर सबकुछ सही नहीं चल रहा था। चुनाव के दौरान सभी अपने- अपने गुट को साधने में लगे हुए थे। जिसका परिणाम है कि एक बार फिर लोकसभा चुनाव में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। नगर निगम और महकमा परिषद पर कब्जा होने के बाद भी इन इलाकों में पार्टी काफी पिछड़ गई। नगर निगम के सिर्फ एक वार्ड को छोड़कर पार्टी को कहीं बढ़त नहीं मिली। मेयर और डिप्टी मेयर के वार्ड से भी पार्टी पिछड़ी रही।बता दें कि बीते दिनों उत्तर बंगाल दौरे पर पहुंचे मुख्यमंत्री के करीबी और राज्य सरकार में मंत्री फिरहाद हकिम ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के साथ बैठक कर चुनाव संबंधित पूरी जानकारी ली थी। इसके बाद उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए दार्जिलिंग जिले में संगठनात्मक कमजोरी की बात कही थी। इसके बाद से ही कयास लगाए जाने लगे थे कि इस बार तृणमूल कांग्रेस के सभी संगठनों में भारी बदलाव देखने को मिल सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *