पहलगांव में पर्यटकों पर हुए आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोडऩे का आदेश केन्द्र की सरकार के ओर से जारी कर दिया गया है। बंगाल में अब तक 67 पाकिस्तानियों का सुराग हाथ लगा हैं जिसके तलाश में खुफिया विभाग और पुलिस जुट गयी हैं। लेकिन अब सवाल खड़ा हो रहा हैं कि आखिर उन पाकिस्तानियों का क्या होगा जो राज्य के जेलों में कैद हैं। क्या उन कैदियों को भी पाकिस्तान वापस भेज दिया जायेगा? जेल विभाग में इसको लेकर अफवाहों का दौर शुरू हो गया है। पता चला है कि राज्य की जेलों में 6-7 पाकिस्तानी कैदी हैं। जेल विभाग उनके प्रति अतिरिक्त सतर्क है। क्या सरकारी जेलों में कैद पाकिस्तानी नागरिकों को वापस उस देश भेजा जाएगा? इस मामले में जेल अधिकारियों की दो राय सामने आई हैं। जेल विभाग के एक वर्ग ने कहा कि चूंकि कैदी जेल में हैं इसलिए उनके मामले पर फैसला अदालत करेगी। दूसरा हिस्सा कह रहा है कि अदालत ने सज़ा का ऐलान कर दिया है। परिणामस्वरूप, सरकार को उन कैदियों के संबंध में निर्णय लेना होगा। हालाँकि, पाकिस्तानी कैदियों के संबंध में अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। प्रेसीडेंसी सुधार गृह में तीन पाकिस्तानी कैदी हैं। खादिम के मालिक पार्थ रॉयबर्मन के अपहरण के मामले में दिलशाद उर्फ मोहम्मद इशाद, नईम उर्फ तारिक महमूद, और अरशद उर्फ असलम नामक तीन पाकिस्तानी प्रेसीडेंसी जेल में सजा काट रहे हैं। इसके अलावा भी राज्य के अलग-अलग जेलों में पाकिस्तानी कैदी कैद हैं। ऐसे में अब सवाल उठ रहा हैं कि क्या न्यायपालिका उनपर फैसला करेंगी या फिर कार्यपालिका? दरअसल 22 अप्रैल को आतंकवादियों ने पहलगांव में हिंदू पर्यटकों पर चुन-चुनकर हमला किया। 26 लोग मारे गये थे जिसमें से 3 बंगाल के नागरिक थे। भारत ने इस पर पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। सिंधु जल संधि स्थगित कर दी गई है। उसने पाकिस्तानी नागरिकों को उस देश में वापस लौटने का आदेश दिया है। हालाँकि, भारतीय जेलों में कैद पाकिस्तानी नागरिकों के संबंध में अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।