रातों-रात करोड़पति बनने की कोशिश में शहर के कई लोग धोखाधड़ी का शिकार हो गए हैं।

पिछले दो माह में ऐसे चार मामले सिलीगुड़ी पुलिस के साइबर क्राइम थाना में दर्ज हुए मामले

सिलीगुड़ी : धन चाहे कितना भी हो, किसी को काटता नहीं। क्षमता, समय और मेहनत की बदौलत सभी अपने दो का चार करने में जुटे हैं। रातों-रात करोड़पति बनने के चक्कर में शहर के कई लोग अपनी जमापूंजी साइबर ठग को सौंप रहे हैं।पिछले दो माह में ऐसे चार मामले सिलीगुड़ी पुलिस के साइबर क्राइम थाना में दर्ज हुए हैं। आकर्षक निवेश का झांसा देकर शेयर बाजार में निवेश के बहाने इन चार लोगों से करीब एक करोड़ रुपया लूट लिया गया, लेकिन ऐसा भी नहीं कि ठगों ने इनसे छीन लिया, बल्कि इन चारों ने अपनी मेहनत की कमाई खुद ही ठग के खाते में जमा कराई है। शेयर बाजार में रुपया लगाकर हीरो और जीरो बनने की कई कहानी और घटना सुनी और देखी है। बल्कि अब तो टीवी और इंटरनेट मीडिया पर विज्ञापन के साथ ‘निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है, निवेश से जुड़े सभी दस्तावेजों को ध्यान से पढ़े’ वाला संदेश भी दिया जाता है,लेकिन जानकारी के बिना जोखिम उठाना तो नुकसान को दावत है।लालच भरा रिटर्न का झांसा देकर
शेयर बाजार में निवेश के बहाने ठगी की जो चार घटनाएं बीते दो महीनों में सामने आईं, उसमें साइबर ठग के तरीकों में काफी समानताएं हैं।बीते गुरुवार को प्रधान नगर क्षेत्र निवासी एक व्यक्ति द्वारा दर्ज शिकायत के अनुसार फेसबुक पर उन्हें शेयर बाजार में निवेश और बेहतर रिटर्न का एक विज्ञापन दिखा, उसके नीचे दर्ज मोबाइल नंबर और लिंक के जरिए एक व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़ा। ग्रुप एडमिन ने अपना परिचय कंचन और दूसरे ने प्रोफेसर आनंद गुप्ता के रूप में दिया। फिर उनके डीमेट खाते से शेयर बाजार में निवेश का झांसा दिया। झांसे में पड़ इन्होंने बारी-बारी से करीब 6 लाख 50 हजार रुपया जमा कराया। इसके बाद चार सौ प्रतिशत मुनाफा के लिए ब्रोकर कंपनी के जरिए एक खाता खोलकर एक कंपनी का आइपीओ खरीदने का झांसा दिया गया। इनकार करने पर व्हाट्सएप ग्रुप में उन्हें बताया कि उनके नाम पर आइपीओ खरीद गया है, जिसका भुगतान उन्हें बाद में करना है।उनका कुल लाभ 60 लाख रुपए हो चुका है। इस पर इन्होंने अपना और पत्नी का आभूषण बैंक में गिरवी रख आइपीओ की रकम जमा कराई और फिर लाभांश निकालने का प्रयास किया तो महिला एडमिन ने बताया कि 60 लाख निकासी के लिए 12 लाख और निवेश का 9.5 लाख निकासी के लिए 1.7 लाख रुपया कमीशन का अग्रिम भुगतान करना होगा। उसके अगले दिन व्हाट्सएप ग्रुप ही गायब हो गया। इसी तरह से महानंदा पाड़ा निवासी एक व्यक्ति को 47 लाख 50 हजार रुपया, झंकार मोड़ निवासी एक व्यक्ति को 32 लाख 45 हजार रुपया और सुकांत पल्ली निवासी एक महिला को 3 लाख 40 हजार रुपया का चूना लगाया गया है।साइबर क्राइम थाना पुलिस अधिकारियों की माने तो जिन-जिन बैंक खातों में रुपया जमा कराया गया है, वह सभी बंद कराए जा चुके हैं। खाता धारक की तलाश जारी है। वहीं व्हाट्सएप ग्रुप वाले मोबाइल नंबर और फेसबुक आइडी को ट्रैक करने का प्रयास किया जा रहा है।

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