लोकसभा चुनाव में संघर्ष करते हुए बीजेपी ने उत्तर बंगाल को अपने पास रखा

लोकसभा के करें संघर्ष चुनाव में भाजपा ने उत्तर बंगाल को अपने साथ रखा

  • जलपाईगुड़ी से जयंत राय व अलीपुरद्वार से मनोज जीते

दार्जिलिंग से जीते राजू बिष्ट कूचबिहार में हारे निशिथ प्रमाणिक

मालदा उत्तर में खगेन मुर्मू ने फिर लहराया भाजपा का परचम

  • सबसे कड़ा मुकाबला दिखा बालुरघाट और रायगंज में

सिलीगुड़ी: बंगाल में भाजपा को उसके अनुमान के अनुसार सफलता तो नहीं मिली, लेकिन उत्तर बंगाल उसके साथ रहा। हालांकि इस बार इस क्षेत्र में भी भाजपा को कड़ा संघर्ष करना पड़ा। भाजपा 2019 में उत्तर बंगाल में जीती गई सीटों में से कूचबिहार सीट नहीं बचा पाई। ममता बनर्जी की कूचबिहार सीट पर खास नजर थी और उनकी घेरेबंदी सफल रही। गृह राज्यमंत्री निशिथ प्रमाणिक के खिलाफ ममता की नाराजगी कई बार झलकी। आखिरकार वह उन्हें हराने में सफल रहीं।दार्जिलिंग से उत्तर बंगाल में भाजपा का सफर शुरू हुआ था। लगातार चौथी बार दार्जिलिंग भाजपा के साथ रहा। यहां पार्टी ने राजू बिष्ट को दोबारा उम्मीदवार बनाया था। 2019 में वह चार लाख से अधिक वोटों से जीते थे। इस बार जीत का अंतर तो दिखा लेकिन आखिरकार उन्होंने 178525 वोटों के अंतर से व तृणमूल कांग्रेस के गोपाल लामा को हरा दिया। गोपाल लामा जीटीए प्रमुख अनित थापा की पसंद थे, लेकिन वह जीत नहीं पाए। भाजपा ने अलीपुरद्वार और जलपाईगुड़ी सीट में आसान जीत पाई। इन सीटों पर पार्टी के उम्मीदवार पहले राउंड से ही आगे दिखे। अलीपुरद्वार से पहली बार लोकसभा चुनाव के मैदान में उतरे मनोज टिग्गा ने 75447 वोटों के अंतर से तृणमूल कांग्रेस के प्रकाश चिक बड़ाईक को हरा दिया। राज्यसभा सदस्य प्रकाश चिक बड़ाईक को काफी मजबूत उम्मीदवार माना जा रहा था, लेकिन चाय बागानों एवं आदिवासियों के बीच भाजपा की पकड़ ने मनोज टिग्गा को जीत दिला ही दी। सबसे बढ़िया जीत रही जलपाईगुड़ी से दूसरी बार लड़ रहे जयंत राय की। लो प्रोफाइल और लोकप्रिय चिकित्सक जयंत राय ने 86693 मतों के अंतर से तृणमूल कांग्रेस के निर्मल चंद्र राय को हराया। चाय बागानों और अन्य इलाकों में लगातार पूरे वर्ष सक्रिय रहने वाले जयंत राय जीत के प्रति आवश्त थे और पहले राउंड से ही वह आगे चल रहे थे।उत्तर बंगाल में सबसे कठिन लड़ाई रही बालुरघाट से प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार की। वह लगातार कई राउंड में पिछड़े। फिर थोड़े वोटों से आगे निकले और आखिरकार देर शाम विजय की ओर बढ़े। तृणमूल कांग्रेस के विप्लव मित्रा को वह सिर्फ 9673 मतों से आगे रहे। इसी तरह रायगंज में भी भाजपा के उम्मीदवार कार्तिक चंद्र पाल की सांसें जीत को लेकर अटकी रहीं। वह दोपहर में कई राउंड में पिछड़े हुए थे। शाम होते आगे बढ़ने लगे और तृणमूल कांग्रेस के कृष्ण कल्याणी के मुकाबले 68197 मत अधिक लेकर जीत गए। कार्तिक चंद्र पाल की जीत में कांग्रेस के उम्मीदवार अली इमरान रम्ज की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जा सकती है। रम्ज ने 263273 वोट प्राप्त किए। माना जा रहा है कि मुस्लिम वोट बैंक में कांग्रेस उम्मीदवार की बड़ी हिस्सेदारी ने भाजपा की जीत सुनिश्चित कर दी। बंगाल में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस आइएनडीआइए गठबंधन में एक साथ रहकर लड़े रहते तो रायगंज की तरह उत्तर मालदा की सीट भी भाजपा को नहीं मिल पाती।
उत्तर मालदा में भाजपा ने लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की है। यहां से खगेन मूर्मू ने दोबारा 77708 मतों से जीत हासिल की है। मूर्मू को कुल 527023 वोट मिले। तृणमूल कांग्रेस के प्रसून बनर्जी को 449315 वोट मिले, जबकि कांग्रेस के आलम मुस्ताक ने 384764 वोट हासिल किए। यहां भी कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के वोट बंटवारे ने भाजपा को सफलता दिला दी।

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