पश्चिम बंगाल के विभिन्न उच्च शिक्षा संस्थानों के छात्रों का एक दल आईआईटी जोधपुर के लिए रवाना हुआ

राजस्थान विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों के 40 विद्यार्थियों का एक दल 4 दिसंबर 2024 को आईआईईएसटी, शिबपुर, पश्चिम बंगाल पहुंचा था। ये विद्यार्थी ’एक भारत श्रेष्ठ भारत युवा संगम’ कार्यक्रम के पांचवे चरण के तहत इस यात्रा पर आए थे। यह कार्यक्रम भारत सरकार का एक महत्वाकांक्षी सांस्कृतिक और शैक्षिक प्रयास है। आईआईटी जोधपुर राजस्थान के लिए नोडल संस्थान है और आईआईईएसटी शिबपुर पश्चिम बंगाल का नोडल संस्थान है। विद्यार्थियों का यह दल 4 से 9 दिसम्बर 2024 तक आईआईईएसटी शिबपुर में ठहरा। विद्यार्थियों के यहां पहुंचने पर उनके लिए स्वागत समारोह आयोजित किया गया, उस मौके पर उपस्थित थे- प्रो. वी.एम.एस.आर. मूर्ति (माननीय निदेशक, आईआईईएसटी शिबपुर), मुख्य अतिथि प्रो. अजय कुमार राय (पूर्व निदेशक, आईआईईएसटी शिबपुर, पद्म श्री पुरस्कार विजेता), प्रो. सुदीप्त मुखोपाध्याय (डीन-स्टूडेंट वैलफेयर, आईआईईएसटी शिबपुर), प्रो. अनिरबान गुप्ता (रजिस्ट्रार, आईआईईएसटी शिबपुर) और डॉ बिद्युत पाल (नोडल ऑफिसर, आईआईईएसटी शिबपुर, युवा संगम-चरण 5) 

इस यात्रा के दौरान दोनों राज्यों के बीच समृद्ध संस्कृति, परम्परा एवं विचारों के आदान-प्रदान को प्रोत्साहित किया गया। इसके अलावा पर्यटन, परम्परा, प्रगति, प्रौद्योगिकी और परस्पर सम्पर्क को बढ़ावा दिया जाना भी कार्यसूची का हिस्सा रहा। अपने यात्रा कार्यक्रम में विद्यार्थी दल ने बेलूर मठ देखा, हुगली नदी पर नौका सवारी की, कोलकाता बंदरगाह, विक्टोरिया मैमोरियल, ऐस्प्लेनेड, न्यूटाउन, ईको पार्क, बॉटैनिकल गार्डन आदि का भी दौरा किया। भारत के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों के बीच इस सतत् एवं संरचित सांस्कृतिक सम्पर्क का विचार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 31 अक्टूबर 2015 को सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के मौके पर आयोजित राष्ट्रीय एकता दिवस के दौरान प्रस्तावित किया था। इस विचार को मूर्त रूप देने के लिए 31 अक्टूबर 2016 को ’एक भारत श्रेष्ठ भारत’ कार्यक्रम लांच किया गया ताकि भारत के विभिन्न राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के मध्य सम्पर्क एवं परस्पर समझ को बढ़ावा दिया जा सके। 

युवा संगम के पांचवे चरण के लिए पूरे भारत से 20 प्रतिष्ठित संस्थानों को चुना गया है। इस दौरान इन राज्यों/के.शा.प्र. के सहभागी नोडल उच्चतर शिक्षा संस्थान की अगुआई में अपने युगल राज्यों/के.शा.प्र. का दौरा करेंगे। युवा संगम पांच व्यापक क्षेत्रों – पर्यटन, परम्परा, प्रगति, परस्पर सम्पर्क व प्रौद्योगिकी – के अंतर्गत इस बहुआयामी ज्ञान को प्रोत्साहित करेगा।

युवा संगम के पिछले चरणों में भारी उत्साह देखने को मिला था, बीते चरण में पंजीकरण 44,000 का आंकड़ा पार कर गया था। अब तक समग्र भारत के 4,795 युवा इस कार्यक्रम के विभिन्न चरणों में 114 यात्राओं में भाग ले चुके हैं (जिनमें 2022 में आयोजित युवा संगम का प्राथमिक चरण भी शामिल है)।

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