जलपाईगुड़ी : विवेकानंद के सपनों का भारत शिक्षा, संस्कृति और उद्योग के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। हरिजन समुदाय के एक युवा छात्र द्वारा बागदेवी की मूर्ति बनाई जा रही है। विश्वविख्यात संत स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि गरीब, मोची और हरिजन मेरे भाई हैं। उनके भीतर भारत निर्माण की असीम शक्ति और प्रतिभा छिपी है। आज ऐसा लग रहा है कि स्वामी जी का सपना देश के अलग-अलग हिस्सों में साकार हो रहा है।
ऐसा ही एक उदाहरण जो ध्यान आकर्षित कर रहा है, वह है जलपाईगुड़ी जिले के धूपगुड़ी ब्लॉक के खट्टीमारी बाजार के राम हरिजन का इकलौता पुत्र सुब्रत राम हरिजन। सुब्रत अभी नौवीं कक्षा में है, लेकिन जब वह सातवीं कक्षा में था, तब उसने माँ दुर्गा देवी की एक मूर्ति बनाई और उसे पूरे गाँव में प्रदर्शित कि थाया।
इस बार बागदेवी की प्रतिमा सुब्रत हरिजन के कोमल स्पर्श से निर्मित हुई है। यह युवा कलाकार बागदेवी पूजा से ठीक एक दिन पहले सुबह से रात तक सरस्वती प्रतिमा बनाने में भी व्यस्त है।