कोका-कोला इंडिया के ‘मेड इन इंडिया’ पुनर्नवीनीकरण पीईटी झंडे आईसीसी पुरुष टी20 विश्व कप 2024 में स्थायी जीत को उजागर करते हैं

अमेरिका और वेस्ट इंडीज में आयोजित आईसीसी मेन्‍स टी20 वर्ल्‍ड कप 2024 का रोमांचक समापन हो चुका है। इस टूर्नामेंट में भारत ने शानदार प्रदर्शन करते हुए खिताब अपने नाम कर लिया है। इस ख़ुशी के मौके पर, कोका-कोला इंडिया और आईसीसी ने एक अनोखी पहल शुरू की है। उन्होंने क्रिकेट के जुनून को पर्यावरण की रक्षा से जोड़कर एक ताज़ा बदलाव लाने का काम किया है। इस साल के मेन्‍स टी20 वर्ल्‍ड कप मैचों में ‘भारत में निर्मित’ राष्‍ट्रीय ध्‍वज और क्रिकेट 4 गुड के झंडे देखने को मिले। इन झंडों को उपभोग ग्राहकों द्वारा इस्‍तेमाल की गई रिसाइकल्‍ड पीईटी बोतलों से बनाया गया। इन बोतलों को पॉलीएस्‍टर कपड़े और रिसाइकल करने योग्‍य धागे में परिवर्तित किया गया, जिसे पुन:चक्रित कचरे और प्‍लास्टिक की बोतलों से बनाया गया था। विभिन्न स्टेडियमों में राष्ट्रगान समारोह के दौरान इन झंडों को गर्व से फहराया गया था।

कोका-कोला इंडिया ने रिसाइकल्‍ड पीईटी से बने राष्‍ट्रीय ध्‍वज का प्रदर्शन पहली बार 2023 में आईसीसी मेन्‍स क्रिकेट वर्ल्‍ड कप के दौरान किया था। यह दुनिया की पहली कंपनी है, जिसने क्रिकेट में इन झंडों की पेशकश की। इस प्रमुख आयोजन के दौरान पिछली कई हरित पहलों का स्‍थायी असर देखने के बाद कोका-कोला इंडिया ने इसमें भाग लेने वाले 20 देशों के राष्‍ट्रध्‍वज बनाकर पर्यावरण के लिये जिम्‍मेदारी का भाव दिखाना जारी रखा है। 35 बाय 20 मीटर आकार वाले यह झंडे दुनिया में सबसे बड़े हैं और आईसीसी क्रिकेट 4 गुड के भी नौ झंडे हैं। इसके अलावा, थम्‍स अप भी आईसीसी मेन्‍स टी20 वर्ल्‍ड कप 2024 का ऑफिशियल बेवरेज एण्‍ड स्‍पोर्ट्स ड्रिंक पार्टनर था। हाल ही में, कोका-कोला ने आईसीसी के साथ अपनी भागीदारी का विस्‍तार किया है और 2031 तक आईसीसी के आयोजनों का ग्‍लोबल पार्टनर बनने का वचन दिया है। यह नया गठबंधन तीनों फॉर्मेट में किकेट के लिये कोका-कोला के सहयोग को मजबूती देता है और दुनियाभर में इस खेल पर उसका स्‍थायी प्रभाव सुनिश्चित करता है।

हर राष्‍ट्रध्‍वज के लिये लगभग 11,000 पीईटी बोतलों का इस्‍तेमाल हुआ है और आईसीसी क्रिकेट 4 गुड का हर झंडा 2000 बोतलों से बना है। इन्‍हें कंपनी के पार्टनर गणेशा इकोवर्स लिमिटेड के गो रिवाइज़ ने बनाया है। इन झंडों की पैकेजिंग भी रिसाइकल्‍ड मटेरियल से हुई है, जो सस्‍टेने‍बिलिटी को लेकर एक संपूर्ण नजरिये पर जोर देती है। यह झंडे ग्‍लोबल रिसाइकल्‍ड स्‍टैण्‍डर्ड (जीआरएस) से प्रमाणित भी हैं और रिसाइकल्‍ड मटेरियल, सामाजिक एवं पर्यावरणीय व्‍यवसायों तथा निषेध रसायनों के लिये अंतर्राष्‍ट्रीय मानकों के अनुरूप हैं। इसके अलावा, छंटनी के लिये अत्‍याधुनिक एआई प्रणालियों के इस्‍तेमाल ने कचरे को छांटने की क्षमता और संसाधनों की भरपाई को बढ़ाया है। इसके साथ ही संग्रह की प्रणालियों ने कचरे का काम करने वाले 50000 से अधिक लोगों को सशक्‍त किया है, जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं। इन शानदार झंडों को बनाने में 600 लोगों की एक समर्पित टीम ने काम किया है। हर झंडा कार्बन का 60% कम उत्‍सर्जन करता है, सैकड़ों किलो कचरे को कूड़ाक्षेत्रों मे जाने से बचाता है और जीवाष्‍म ईंधन से बने संसाधनों पर निर्भरता को कम करता है।

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