उत्तर दिनाजपुर जिले के बाबूगाछ गांव में हुसैन दिघी बैसाखी मेले में रौनक देखते ही बन रही है. काफी संख्या में लोग मेले में आ रहे है। यह मेला भारत-बांग्लादेश सीमा पर दासपाड़ा क्षेत्र के बाबूगाछ गांव में नववर्ष के पहले दिन आयोजित किया जाता है। यह क्षेत्र चाय बागान के चारों ओर “कांटेदार तार की बाड़” से घिरा हुआ है। यह मेला सदियों से प्राचीन रीति-रिवाजों के अनुसार आयोजित होता आ रहा है!
यह एक तालाब (दिघी) है, यह तालाब लगभग चार एकड़ भूमि पर फैली हुआ है। इस तालाब की गहराई अभी भी स्थानीय लोगों के लिए अज्ञात है। हर साल बैशाख के पहले दिन इस तालाब के किनारे मेला लगता है। दूर-दूर से अनेक तीर्थयात्री तालाब के आसपास अपनी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए इस मेले में आते हैं। हुसैन दिघी के किनारे हज़ारों लोगों की भीड़ जुटती है।
यह मेला आज भी प्राचीन परम्पराओं के अनुसार आयोजित किया जाता है। तालाब में स्नान करने के लिए दूर-दूर से कई श्रद्धालु आते हैं। यह हुसैन दिघी मेला काफी समय से चल रहा है। हुसैन दिघी मेले के प्रति आम लोगों की आस्था और विश्वास इस मेले को और भी भव्य बना देता है।