एसोसिएशन ऑफ फिजिशियंस ऑफ इंडिया (एपीआई) ने आज दुनिया की प्रमुख हेल्थकेयर कंपनी एबॅट के साथ मिलकर भारत में ‘एंजाइना जागरूकता सप्ताह’ की शुरुआत की है। यह जागरुकता सप्ताह 19 जून से 25 जून तक चलेगा। इस अभियान का उद्देश्य एंजाइना की शुरुआत में पहचान होने और इसे बेहतर ढंग से मैनेज किए जाने के महत्व को सामने लाना है।
इस सप्ताह की शुरुआत करते हुए सामूहिक रूप से एबॅट द्वारा तैयार ऐक्शन प्लान ‘ऑप्टिमल ट्रीटमेंट ऑफ एंजाइना (ओपीटीए): द नीड ऑफ द ऑवर’ (‘एंजाइना का बेहतरीन उपचार (ओपीटीए): समय की जरूरत’) को लॉन्च किया गया। यएबॅट इंडिया के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. अश्विनी पवार ने कहा, भारत में आज भी एंजाइना एक ऐसी बीमारी है जिसका निदान बेहद कम है। इसके परिणामस्वरूप, कई लोगों को उचित इलाज नहीं मिल पाता है।
एपीआई के प्रेसिडेंट डॉ. मिलिंद वाई नाडकर ने कहा कि पश्चिमी देशों की तुलना में भारतीयो को एक दशक पहले हृदय संबंधी बीमारियों का सामना करना पड़ता है। डॉ. पवार ने एंजाइना और कोरोनरी आर्टरी रोगों पर एक पैनल चर्चा का संचालन किया, जिसमें डॉ. मिलिंद नाडकर, मुंबई के वरिष्ठ इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. वी.टी. शाह और एपीआई के महासचिव डॉ. अगम वोरा सहित कई जाने-माने वक्ता शामिल हुए।