गोदरेज एग्रोवेट ने मत्स्य पालन सेक्टर सर्दियों के दौरान गंभीर चुनौतियों का सामना करता है। तापमान में गिरावट के साथ ही पानी का तापमान भी कम हो जाता है, जिससे मछलियों की पाचन एंजाइम गतिविधियां घट जाती हैं और पोषक तत्वों का अवशोषण सीमित हो जाता है। इससे मछलियों में शारीरिक तनाव बढ़ता है, जो न केवल उनके चयापचय और स्वास्थ्य पर असर डालता है, बल्कि मछली पकड़ने वाले समुदायों की उत्पादकता को भी कम कर देता है। इन जटिल चुनौतियों को पहचानते हुए, गोदरेज एग्रोवेट लिमिटेड (गोदरेज एग्रोवेट) ने इस सर्दी के मौसम में वैज्ञानिक तरीके से इन समस्याओं का समाधान करने के लिए एक लक्षित शीतकालीन रणनीति तैयार की है।
इस पर टिप्पणी करते हुए, गोदरेज एग्रोवेट के सीईओ (एक्वाफीड बिजनेस) ध्रुबज्योति बनर्जी ने कहा, “डिजिटल प्लैटफॉर्म और सामुदायिक पहलों का उपयोग करके, हम एक व्यापक तंत्र तैयार कर रहे हैं, जो सर्दियों के दौरान मछली पालकों की उत्पादकता से जुड़ी चुनौतियों को प्रबंधन करने के तरीकों में बदलाव ला सकता है। हमारा बहुआयामी दृष्टिकोण डिजिटल ज्ञान प्रसार, सामुदायिक निर्माण, और समर्थन तंत्र तक फैला हुआ है, जिससे विशेषज्ञ ज्ञान को सबके लिए सुलभ बनाते हुए किसानों को सबसे कठिन मौसमी बाधाओं से निपटने के लिए एक सशक्त ढांचा प्रदान किया जा रहा है।“
गोदरेज एग्रोवेट का डिजिटल अभियान, “मत्स्य मार्गदर्शन,” किसानों को सर्दियों में मछली पालन के लिए विशेषज्ञ सुझाव, इन्फोग्राफिक्स, और लाइव सत्र इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप और फेसबुक के माध्यम से प्रदान करता है। “एक्वा मित्रा” श्रृंखला लाइव प्रसारण और मछली उत्पादकों की कहानियों के माध्यम से सामुदायिक सीख को प्रोत्साहित करती है, जिससे आपसी सहयोग व समर्थन की भावना विकसित होती है। इसके अतिरिक्त, “गोदरेज एक्वा इनसाइडर्स” पहल स्थिरता, अनुसंधान और नवाचारों पर अंतर्दृष्टि साझा करके पारदर्शिता प्रदान करती है, जिसमें हरित प्रथाओं और मछली पालन में महिलाओं के सशक्तिकरण पर जोर दिया गया है।
सर्दियों के लिए मछली उत्पादक किसानों का मार्गदर्शन करते हुए, ध्रुबज्योति ने सलाह दी, “ठंड के महीनों के दौरान, मछली पकड़ने वालों को मछलियों के स्वास्थ्य और विकास को ध्यान में रखते हुए आहार रणनीतियों को अनुकूलित करना चाहिए। मछलियों की कम चयापचय गतिविधि के अनुरूप, उन्हें आसानी से पचने वाले पोषक तत्व खिलाना चाहिए, जिनमें कम रेशे हों, और खाना खिलाने का समय दिन के गर्म हिस्सों में होना चाहिए, जब मछलियां अधिक सक्रिय होती हैं। आवश्यक अमीनो एसिड और ऊर्जा से भरपूर प्रोटीन स्रोतों का चयन करना, साथ ही आहार की स्वादिष्टता बढ़ाने वाले तत्वों को शामिल करना चाहिए, जो मछलियों की भूख और आहार ग्रहण क्षमता को बेहतर कर सकता है। इसके अलावा, एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी एजेंट्स, प्रीबायोटिक्स और ऑर्गेनिक एसिड्स को भी शामिल करने पर जोर देना चाहिए, ताकि मछलियों की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत किया जा सके। यह तनाव को कम करता है और रोगजनकों से बचाव करता है।” तकनीकी प्रगति को जमीनी समर्थन के साथ जोड़कर, गोदरेज एग्रोवेट एक ऐसा तंत्र बना रहा है जो विशेष रूप से सर्दियों के महीनों के दौरान वैज्ञानिक तरीके से मछली पालन में मौजूद एक बड़े अंतराल को दूर करता है। यह मछली पलक समुदायों, फिश फॉर्मर्स के सशक्तिकरण, स्थायी प्रथाओं, और एक मजबूत मत्स्य पालन पारिस्थितिकी तंत्र के लिए मार्ग प्रशस्त कर रहा है।