एडवर्टाइजिंग स्टैंडर्ड्स काउंसिल ऑफ इंडिया (ASCI) द्वारा जारी टॉप इन्फ्लुएंसर कॉम्प्लायंस स्कोरकार्ड से पता चला है कि भारत के टॉप 100 डिजिटल स्टार्स में से 69% सोशल मीडिया पर लागू दिशानिर्देशों का पालन करने में असफल रहे हैं। सोशल मीडिया पर किसी भी ब्रांड से जुड़े नजदीकी संबंधों का खुलासा करना अनिवार्य होता है। यह नियम केवल ASCI के दिशानिर्देशों के अंतर्गत ही नहीं, बल्कि केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) के नियमों के अंतर्गत भी लागू होते हैं। इस रिपोर्ट में सितंबर से नवंबर 2024 के बीच इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फोर्ब्स इंडिया के टॉप 100 डिजिटल स्टार्स द्वारा किए गए ब्रांड प्रमोशन पोस्ट का विश्लेषण किया गया। इन इन्फ्लुएंसर्स की कुल पहुंच 11 करोड़ से अधिक है और ये इंडस्ट्री के ट्रेंड सेट करने में बड़ी भूमिका निभाते हैं। कई अन्य उभरते इन्फ्लुएंसर्स इन्हें रोल मॉडल मानते हैं, लेकिन रिपोर्ट बताती है कि इनमें से अधिकतर पारदर्शिता के मानकों पर खरे नहीं उतर रहे।
इस अध्ययन से यह भी स्पष्ट होता है कि विज्ञापन में पारदर्शिता की भारी कमी है, जिससे उपभोक्ताओं के साथ विश्वासघात होने की आशंका बढ़ जाती है। इन्फ्लुएंसर्स, विज्ञापनदाताओं और एजेंसियों के लिए यह जरूरी हो जाता है कि वे कानूनी कार्रवाई से बचने और नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए जल्द कदम उठाएं। CCPA के नियमों के अनुसार, यदि कोई इन्फ्लुएंसर किसी ब्रांड या उत्पाद से जुड़े संबंधों का स्पष्ट रूप से खुलासा नहीं करता, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है और कठोर दंड भी लगाया जा सकता है। एएससीआई की सीईओ और महासचिव मनीषा कपूर ने कहा, ‘’ इस रिपोर्ट के नतीजे बताते हैं कि बड़े इन्फ्लुएंसर्स के बीच पारदर्शिता और दर्शकों के विश्वास बनाए रखने की प्रवृत्ति काफी कमजोर है।‘’ उन्होंने जोर देकर कहा, ‘’एजेंसियों, इन्फ्लुएंसर्स और ब्रांड्स को इस मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए और सही दिशा में तत्काल कदम उठाने चाहिए। इन्फ्लुएंसर्स के विज्ञापन अब मुख्यधारा के विज्ञापन बजट का एक बड़ा हिस्सा बन चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद जिम्मेदारी और नियमों के पालन की मानसिकता विकसित नहीं हो पाई है, जो चिंताजनक है।‘’
उन्होंने यह भी कहा, ‘’जो ब्रांड्स इन्फ्लुएंसर्स के साथ काम कर रहे हैं, उन्हें ऐसे लोगों को प्राथमिकता देनी चाहिए जो कानून और अपने दर्शकों का सम्मान करते हैं। इसी तरह, इन्फ्लुएंसर्स को भी उन ब्रांड्स के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए जो उन्हें नियमों का उल्लंघन करने के लिए मजबूर करते हैं। यह रिपोर्ट इन्फ्लुएंसर्स, टैलेंट एजेंसियों और ब्रांड्स के लिए एक चेतावनी के रूप में काम करेगी, जिससे वे अधिक जिम्मेदारी के साथ काम कर सकें।‘’ इस रिपोर्ट में उन संसाधनों की सूची भी दी गई है जो इन्फ्लुएंसर्स को नैतिक विज्ञापन प्रथाओं का पालन करने और कानूनों की बेहतर समझ विकसित करने में मदद कर सकते हैं। एएससीआई इन्फ्लुएंसर विज्ञापन के क्षेत्र में लगातार काम कर रहा है और 2021 में अपने दिशानिर्देश जारी करने के बाद से अब तक 6000 से अधिक मामलों का निपटारा कर चुका है। हाल ही में एएससीआई ने एक एडवाइजरी जारी कर इन्फ्लुएंसर्स से आग्रह किया कि वे लिंक्डइन जैसे प्लेटफॉर्म पर भी इसके दिशानिर्देशों और कानूनों का पालन सुनिश्चित करें।