कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय का लक्ष्य भारत में एक गतिशील कार्यबल को बढ़ावा देना है

जैसाकि ‘विकसित भारत 2047’ में भारत की आज़ादी के 100वें वर्ष तक एक पूर्ण विकसित राष्ट्र की परिकल्पना की गई है, इसे देखते हुए कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) का लक्ष्य निरंतर विकसित होती अर्थव्यवस्था में गतिशील वर्कफोर्स को बढ़ावा देना है। इसे पूरा करने के लिए, मंत्रालय ने एक रोडमैप तैयार किया है, जिसके तहत शार्ट-टर्म और लॉन्ग-टर्म स्किलिंग ईकोसिस्टम के प्रशिक्षकों को सही कौशल और टेक्नोलॉजी से लैस किया जाएगा, ताकि शिक्षार्थियों को फ्यूचर मार्केट में भाग लेने में मदद मिल सके। एमएसडीई के पार्टनर, फ्यूचर राइट स्किल्स नेटवर्क (एफआरएसएन) ने “स्किलिंग ईकोसिस्टम के लिए ट्रेनर डेवलपमेन्ट स्ट्रेटेजी” का ड्राफ्ट तैयार किया है, जो 21वीं सदी के शिक्षक के विकास के लिए फ्रेमवर्क और दिशा-निर्देश तैयार करता है। यह अनुशंसा करता है कि प्रशिक्षक डिजिटल उपकरणों और संसाधनों का उपयोग करके कक्षा शिक्षण में डिजिटल ब्लेंडेड कन्टेन्ट को एकीकृत करें।

ट्रेनर डेवलपमेन्ट स्ट्रेटेजी का ड्राफ्ट तैयार करने में क्वेस्ट एलायंस ने मदद की है और इसे एफआरएसएन का सहयोग प्राप्त है, जो एक्सेंचर, सिस्को, जे.पी. मॉर्गन और सैप के बीच एक कोलैबरेशन है। इस पहल का उद्देश्य लॉन्ग-टर्म स्किलिंग के लिए सभी सेक्टरों में राष्ट्रव्यापी प्रशिक्षकों की गुणवत्ता और प्रभावशीलता को बढ़ाना है। इसके अतिरिक्त, उल्लिखित रणनीतियों से स्टाफिंग और प्रशिक्षण क्षमता में गैप, टेक्निकल एंड वोकेशनल एजुकेशव एंड ट्रेनिंग (टीवीईटी) सेक्टर में योग्य प्रशिक्षकों की कमी, जो कौशल विकास कार्यक्रमों की गुणवत्ता और प्रभावशीलता को प्रभावित करती है, को दूर किया जाएगा; तथा अनियमित रोजगार, सीमित कैरियर उन्नति के अवसरों और कम वेतन के कारण योग्य प्रशिक्षकों के पलायन को कम किया जाएगा। इसके अलावा, डॉक्यूमेन्ट में मान्यता, प्रदर्शन मूल्यांकन, प्रेरणा और अपस्किलिंग के माध्यम से मौजूदा प्रशिक्षकों की दक्षता में सुधार करने की रणनीति भी दी गई है। कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय के सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी ने कहा, “स्किलिंग ईकोसिस्टम के लिए ट्रेनर डेवलपमेन्ट स्ट्रेटेजी – फ्रेमवर्क और दिशा-निर्देश – सरकार, उद्योग और शिक्षा जगत के सहयोग भरे प्रयासों का प्रमाण है, जो प्रशिक्षक विकास के लिए समग्र दृष्टिकोण के साथ मजबूत स्किलिंग ईकोसिस्टम का मार्ग प्रशस्त करेगा। कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय अपने दसवें वर्ष में है, इसलिए विकास के संभावित क्षेत्रों पर ध्यान देना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि उपलब्धियों को फिर से देखना। मेरा दृढ़ विश्वास है कि इस तरह के प्रयास मंत्रालय द्वारा किए जा रहे अच्छे काम को और मजबूत करेंगे और ईकोसिस्टम को और भी मजबूत करेंगे।”

बड़े पैमाने पर कार्यान्वयन से पहले प्रशिक्षकों, शिक्षार्थियों और स्किलिंग ईकोसिस्टम के अन्य हितधारकों की प्रतिक्रियाएं एकत्र करने के लिए इन अनुशंसाओं को विभिन्न भारतीय राज्यों में मान्य किया जाएगा। क्वेस्ट एलायंस के सीईओ आकाश सेठी ने कहा कि क्लासरूम लर्निंग में डिजिटल कन्टेन्ट और संसाधनों को एकीकृत करके, हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि भारत का वर्कफोर्स 21वीं सदी की अर्थव्यवस्था में सफल होने के लिए आवश्यक कौशल से लैस हो। उन्होंने कहा, “हमारा मानना ​​है कि यह पहल न केवल टीवीईटी सेक्टर में मौजूदा कमियों को दूर करेगी, बल्कि भारत में अधिक गतिशील और सफल स्किलिंग ईकोसिस्टम का मार्ग भी प्रशस्त करेगी। प्रशिक्षकों को उद्योग की माँगों को पूरा करने के लिए आवश्यक कौशल के साथ वर्कफोर्स को प्रभावी ढंग से सुसज्जित करने के लिए इन्डस्ट्री ट्रेन्ड्स से आगे रहने के लिए तैयार रहना चाहिए।”

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