माँ सरस्वती की बड़ी मूर्तियों की मांग में गिरावट से  कुम्हारों को उठाना पड़ रहा है नुकसान 

सिलीगुड़ी : विद्या देवी की पूजा के लिए मात्र दो-तीन दिन शेष रह गये हैं. 2 फरवरी 2025 को वसंत पंचमी का पर्व मनाया जाएगा। इसलिए सिलीगुड़ी के कुम्हार टोली  में अब जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं। मूर्ति निर्माण प्रक्रिया का अंतिम चरण चल रहा है। हालांकि, सिलीगुड़ी शहर के कई मूर्तिकारों के कारखानों में मूर्ति निर्माण की प्रक्रिया अब लगभग पूरी हो चुकी है। पेंटिंग समाप्त होने के बाद अब केवल सजावट का काम चल रहा है। अगले 2 फरवरी से पहले अब अंतिम चरण का कार्य चल रहा है।

लेकिन हर बार की तरह इस बार भी कुम्हार चिंतित हैं, क्योंकि एक ओर कच्चे माल की कीमत बढ़ गई है, वहीं दूसरी ओर बड़ी मूर्तियों की मांग कम हो गई है। छोटी मूर्तियों की बिक्री तो बढ़ रही है, लेकिन मुनाफा उतना अधिक नहीं है। इसके अलावा अक्सर यह देखा जाता है कि यदि एक या दो बड़ी मूर्तियां बना भी दी जाती हैं, तो अंत में वे मूर्तियां बिक नहीं पातीं। इससे  कुम्हार टोली   के कुम्हारों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।

इन सबके बावजूद हर साल की तरह इस साल भी सिलीगुड़ी के  कुम्हार टोली  में सरस्वती पूजा से पहले काफी चहल-पहल है। सभी को उम्मीद है कि इस साल कारोबार अच्छा रहेगा। इसलिए मूर्तिकारों ने  अपनी फैक्ट्रियों में मूर्तियां बना ली हैं और बस जाने का इंतजार कर रहे हैं। कारखानों में सफेद से लेकर रंगीन तक माँ सरस्वती की मूर्तियां बनाई जाती हैं। कई मूर्तियां आर्डर के अनुसार भी बनाई गई हैं।

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