कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित राष्ट्रीय संविधान सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सत्ता मेरे लिए लोगों का जीवन बेहतर करने का औजार है। मुझे इस देश के 90 प्रतिशत लोगों को भागीदारी दिलवानी है।उन्होंने कहा कि संविधान ने करोड़ों लोगों के लिए रास्ते खोले हैं। लेकिन सीबीआई व ईडी के जरिए राजनीति पर आक्रमण- संविधान पर आक्रमण है। सभी संस्थाओं में आरएसएस के लोगों की नियुक्ति- संविधान पर आक्रमण है। बिना जनता से पूछे नोटबंदी करना- संविधान पर आक्रमण है। बिना सेना से पूछे अग्निवीर लागू करना- संविधान पर आक्रमण है। मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कहीं भी डिबेट करने के लिए तैयार हूं। लेकिन मैं मोदी को जानता हूं, वो मुझसे डिबेट नहीं करेंगे।
राहुल गांधी ने कहा कि नरेंद्र मोदी ‘प्रधानमंत्री’ नहीं हैं, वो ‘राजा’ हैं। उन्हें संविधान, संसद, मंत्रिमंडल से कोई लेना-देना नहीं है। हिंदुस्तान के संविधान में भगवान बुद्ध, महात्मा गांधी, बाबा साहेब, बसवन्ना जी जैसे कई महान लोगों की सोच है। इस सोच के लिए देश के लाखों लोगों ने लड़ाई लड़ी थी।कांग्रेस नेता ने कहा कि राजनीति में दो तरह के लोग होते हैं। एक वो जो पूरी जिंदगी सत्ता के पीछे भागते हैं और सच्चाई नहीं देखना चाहते। दूसरे वो जो सच्चाई को देखते हैं और उसे अपनाते हैं। अंबेडकर, महात्मा गांधी, पेरियार, बसवन्ना और भगवान बुद्ध ऐसे ही लोग थे।राहुल गांधी ने कहा कि पहले हिंदुस्तान के लोगों का भविष्य उनके जन्म लेने से पहले ही तय हो जाता था। जन्म से पहले ही ये तय हो जाता था कि उनके पास क्या-क्या अधिकार होंगे। बच्चे का भविष्य पहले से तय कर दिया जा रहा लेकिन राजनीति में लोग सच स्वीकार नहीं करते। हिंदुस्तान के करोड़ों लोगों ने सैकड़ों साल ऐसे ही जिंदगी गुजारी है। इस कारण न जाने कितने हुनर जाया हुए हैं।