उत्तर बंगाल में चाय बागानों की स्थिति खराब है और इस बात को तृणमूल नेता के तरफ से भी स्वीकारा किया गया है। काम करने के बावजूद मजदूरी नहीं मिलने से नाराज मजदूरों ने चाय बागान अधिकारियों को घेर कर आज प्रदर्शन किया। तृणमूल नेता के आश्वासन पर तीन घंटे के घेराव ख़त्म होने के बाद चाय बागान प्रबंधक मुक्त हो सके. उन्होंने ने 11 मार्च को बकाया मजदूरी देने का वादा किया है।जिले भर में चाय बागानों में श्रमिकों और मालिकों के बीच असंतोष बढ़ रहा है। ऐसी ही एक घटना बुधवार को जलपाईगुड़ी सदर विधानसभा क्षेत्र के जयपुर चाय बागान में देखने को मिली। चाय बागानों में काम करने वाले मजदूरों की शिकायत है कि नियमित काम करने के बाद भी बागान अधिकारी उन्हें मजदूरी नहीं दे रहे हैं। कई बार मुद्दा उठाने के बावजूद कुछ नहीं किया गया। इसीलिए मजबूर होकर श्रमिकों को बुधवार को चाय बागान प्रबंधक को घेरने की कार्रवाई करनी पड़ी।
घटना के संबंध में चाय बागान मजदूर समर बारला ने अफसोस भरे लहजे में कहा, “हम काम तो कर रहे हैं लेकिन मजदूरी नहीं मिल रही है। इस संबंध में हमने कई बार बागान अधिकारियों से गुहार लगाई है लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ है। आज मैनेजर का घेराव करने के बाद हमारे क्षेत्रीय नेता कृष्णा दास आए और बागान अधिकारियों से बातचीत की। कृष्णा दास से आश्वासन मिलने के बाद हमने घेराव कार्यक्रम वापस नहीं लिया।” बुधवार के विरोध प्रदर्शन के बारे में चाय बागान के एक मज़दूर शाहजहाँ अली ने कहा, “हमें 2023 से ही अपने वेतन को लेकर समस्या हो रही है। हालाँकि हमारा बहुत सारा वेतन बकाया है, लेकिन हमें वह आज तक नहीं मिला है।” इस बीच, तृणमूल कांग्रेस पार्टी के एससी, एसटी, ओबीसी प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष कृष्ण दास, श्रमिकों के असंतोष की खबर मिलने के बाद चाय बागान पहुंचे।
बागान अधिकारियों और प्रदर्शनकारी श्रमिकों से चर्चा के बाद मीडिया प्रतिनिधियों से बात करते हुए कृष्ण दास ने कहा, उत्तर बंगाल के चाय बागानों की हालत बहुत खराब है। चाय बागानों में काम करने वाले मज़दूरों की मजदूरी बहुत कम है। वे सिर्फ़ 250 रुपये प्रतिदिन पर गुज़ारा करते हैं, लेकिन उन्हें वह भी समय पर नहीं मिलता है। चाय बागानों की देखभाल की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है, लेकिन केंद्र सरकार को कुछ नहीं दिखता है। प्रदर्शनकारी श्रमिकों के साथ चर्चा में भाग लेने वाले चाय बागान अधिकारी शिव कुमार कल्याण ने कहा कि चर्चा हुई है कि 11 मार्च को श्रमिकों को एकमुश्त वेतन दे दिया जाएगा और अब तक यही निर्णय लिया गया है।