जलपाईगुड़ी : असम में बंगालियों के प्रति जो नाराजगी है, उनको दूर करने के लिए जलपाईगुड़ी में एक छोटा असम बनाया जा रहा है, यानि असम की ग्रामीण सभ्यता और संस्कृति को लेकर पंडाल बनाया जा रहा है। पिछले कुछ सालों से बांग्ला के सबसे अच्छे त्योहार शारदीय दुर्गोत्सव में एक नया चलन देखने को मिल रहा है, जहां एक तरफ कॉरपोरेट जगत अपने बिजनेस विजन में उतर गया है, वहीं विभिन्न राजनीतिक दल भी इस त्योहार को प्रसार के साधन के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं।
आगंतुकों की भीड़ के सामने उनके राजनीतिक बयान और विचार सामने आ रहे हैं। इस बीच जलपाईगुड़ी शहर की सबसे बड़ी दुर्गा पूजाओं में से एक, माहुरीपाड़ा सार्वजनिन दुर्गा पूजा समिति इस साल 75वें वर्ष में प्रवेश कर रही है।
समिति पूजा का इस वर्ष की थीम छोटा असम है,पूजा समिति के सचिव और जलपाईगुड़ी नगर पालिका के तृणमूल दल पार्षद उत्तम बोस ने कहा कि असम राज्य में पहले से ही बंगालियों और असमियों के बीच दुश्मनी फैलाई गई है। इनके बीच मेल संबंध बनाने के लिए छोटा असम पंडाल बनाया जा रहा है. पंडाल में असम की संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी।