उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक अपनी पेशकशों का विस्तार करने के लिए यूनिवर्सल बैंकिंग लाइसेंस के लिए आवेदन करता है

प्रमुख स्मॉल फाइनेंस बैंकों में से एक, उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक (उज्जीवन) ने आज भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को यूनिवर्सल बैंकिंग लाइसेंस के लिये आवेदन जमा कराने की घोषणा की है। यह कदम उज्जीवन बैंक के भविष्य को लेकर बनाई गई योजना के हिसाब से है। बैंक चाहता है कि वो अपने ग्राहकों को और बेहतर सेवाएं दे सके और बैंकिंग सेक्टर में अपनी जगह और मजबूत करे। उज्जीवन बैंक ने हमेशा ही आर्थिक रूप से अच्छा प्रदर्शन किया है और सभी लोगों को बैंकिंग सेवाओं से जोड़ने के लिए काम किया है, खासकर उन लोगों को जिनकी बैंक तक पहुंच नहीं है। बैंक अलग-अलग तरह के ग्राहकों को सेवाएं देता है और उनकी जरूरतों को पूरा करने की कोशिश करता है। उज्जीवन बैंक अब ‘यूनिवर्सल बैंक’ बनने के लिए तैयार है। ‘यूनिवर्सल बैंक’ बनना बैंक के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि होगी। इसके लिए आरबीआई से मंजूरी मिलने का इंतज़ार है।

इस प्रगति पर अपनी बात रखते हुए, उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक के एमडी एवं सीईओ श्री संजीव नौटियाल ने कहा, ‘‘भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा तय किये गये दिशा-निर्देशों के बाद हमने आज अपना आवेदन प्रस्तुत किया है। हमें खुद की इच्छा से स्मॉल फाइनेंस बैंक से यूनिवर्सल बैंक में बदलने के लिये विनियामक का अनुमोदन चाहिये। हमारे बैंक ने लगातार मजबूत वित्तीय प्रदर्शन किया है और सभी को बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने की कोशिश की है। हमने देशभर में अलग-अलग तरह के ग्राहकों को अपनी सेवाएं दी हैं। हमारा आवेदन स्वीकृत होने पर यदि हमें यूनिवर्सल बैंक का लाइसेंस मिल जाता है, तो अपने ग्राहकों को सभी वित्तीय सेवाएं प्रदान करने के लिये उज्जीवन के प्रयास मजबूत होंगे। भारत के सभी आकांक्षी लोगों को भी तरह-तरह के बैंकिंग समाधानों तक पहुंच मिलेगी।’’

बैंक ने हाल ही में वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही के लिये अपने नतीजे घोषित किये थे, जिनमें इसके कारोबारी वर्गों में वृद्धि की सकारात्मक गति दिखाई दी। इसकी लोन बुक की विविधता ने नतीजों को बेहतर किया और पूरे लोन बुक में सिक्योर्ड सेगमेंट का योगदान 39% रहा। बैंक ने हाल ही में माइक्रोबैंकिंग के लिए एक नया तरीका अपनाया है जिसके तहत ग्रुप और इंडिविजुअल लोन पर ब्याज दरें कम कर दी गई हैं। अब इस बैंक की ब्याज दरें स्मॉल फाइनेंस बैंकों में सबसे कम में शुमार हैं। यह बैंक की अच्छी संपत्ति गुणवत्ता और सक्षम प्रबंधन के कारण संभव हो पाया है।

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