मतानंद फाउंडेशन ने कोलकाता में ग्लूकोमा जागरूकता अभियान का नेतृत्व करने के लिए ईएनटीओडी फार्मास्यूटिकल्स के साथ साझेदारी की

मातानंद फाउंडेशन ने एनटॉड फार्मास्यूटिकल्स के सहयोग से, ग्लूकोमा जागरूकता सप्ताह अभियान ‘ग्लूकोमा मुक्त भारत’ का शुभारंभ किया। यह अभियान 10 मार्च से 16 मार्च तक कोलकाता में आयोजित किया जा रहा है। यह पहल ‘विश्व ग्लूकोमा सप्ताह के अंतर्गत चलाई जा रही है। इस पहल का उद्देश्य ग्लूकोमा के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।

प्रतिष्ठित नेत्र विशेषज्ञ डॉ सुमित चौधरी ने इस बारे में कहा, 2016 में पश्चिम बंगाल में 14,092 प्रतिभागियों के साथ आयोजित हुगली नदीं ग्लूकोमा स्टडी (एचआरजीएस) से संबंधित निष्कर्ष सामने आए। इसमें पाया गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में 2.7% और शहरी क्षेत्रों में 3.23% व्यक्तियों को ग्लूकोमा था, उम्र बढ़ने के साथ इस बीमारी से पीड़ित होने का आंकड़ा भी बढ़ता गया। यह चिंताजनक घटना बीमारी की गंभीरता को दर्शाती है।

ग्लूकोमा अपनी मायाबी प्रकृति के कारण एक गंभीर चुनौती पेश करता है, जिससे इसका जल्दी पता लगाना बहुत जरूरी हो जाता है। समय पर हस्तक्षेप के लिए ग्लूकोमा के जोखिम फैक्टर्स और लक्षणों के बारे में जागरूकता बढ़ाना जरूरी है। डॉक्टरों द्वारा सलाह दी जाती है कि 60 साल और उससे ज्यादा आयु वाले व्यक्तियों को हर 1 से 2 साल में, 40 से 60 साल वाले लोगों को हर 2 से 3 साल में, और 40 से कम उम्र वाले लोगों को हर 2 से 4 साल में एक बार आंखों की जांच जरूर करानी चाहिए ताकि ग्लूकोमा का जल्दी डायग्नोसिस हो सके और तुरंत इलाज शुरू हो सके और ग्लूकोमा के प्रभाव को कम किया जा सके

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