एनएसडीसी स्किल ट्रेनिंग पार्टनर्स द्वारा नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क (एनसीआरएफ) के कार्यान्वयन के लिए मेधावी स्किल्स यूनिवर्सिटी और एनएसडीसी ने एमओयू साइन किया

कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) के तत्वावधान में राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) ने एक यूजीसी और एनसीवीईटी मान्यता प्राप्त कौशल विश्वविद्यालय, मेधावी स्किल्स यूनिवर्सिटी (एमएसयू) के साथ अभूतपूर्व साझेदारी की है। इस साझेदारी के द्वारा नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी2020) के आदेश के अनुसार उच्च शिक्षा के साथ स्किल ईकोसिस्टम के मिलान को तेजी से पूरा किया जा सकेगा। यह रणनीतिक साझेदारी पूरे भारत में एनएसडीसी स्किल ट्रेनिंग पार्टनर्स के बड़े नेटवर्क को उनके प्रोफेशनल शॉर्ट-टर्म फीस आधारित प्रोग्रामों को संरेखित करने, मान्यता देने और औपचारिक बनाने हेतु सशक्त करने पर केंद्रित है ताकि उम्मीदवारों को राष्ट्रीय क्रेडिट फ्रेमवर्क (एनसीआरएफ) के अनुरूप एकेडेमिक क्रेडिट प्रदान किया जा सके। शिक्षा के शीर्ष नियामक निकायों, यूजीसी, एआईसीटीई और एनसीवीईटी ने उच्च शिक्षा मार्गों के साथ कौशल शिक्षा को सुसंगत और इंटीग्रेट करने के लिए पिछले साल एनसीआरएफ को अधिसूचित किया था। इस का उद्देश्य था कि युवाओं को उद्योग-प्रासंगिक कौशल के साथ सशक्त बनाया जा सके जिससे बेहतर रोजगार की संभावना पैदा हो सके।

यह कदम विकसित हो रहे भारतीय स्किलिंग ईकोसिस्टम और निर्बाध क्रेडिट ट्रांसफर और कौशल-आधारित प्रमाणपत्रों की उचित मान्यता के लिए रास्ते बनाने की तत्काल आवश्यकता की प्रतिक्रिया का रूप है। एक बड़ा स्टूडेन्ट बेस है जो अपने रोजगार की संभावनाओं को बेहतर बनाने के लिए उद्योग-प्रासंगिक स्किल सेट प्राप्त करने के लिए कौशल-आधारित पाठ्यक्रमों/पेशेवर प्रमाणपत्रों का विकल्प चुनता है। कई छात्र अपने फॉर्मल कॉलेज/यूनिवर्सिटी प्रोग्रामों के अलावा ऑनलाइन एड-टेक कंपनियों/कौशल विकास संस्थानों के माध्यम से इन प्रोग्रामों में एडमिशन लेते हैं, जिससे उनका पूरा एकेडेमिक लोड बढ़ जाता है। शार्ट-टर्म प्रोग्रामों को एकेडेमिक क्रेडिट से जोड़ने से उच्च शिक्षा के साथ कौशल के सहज जुड़ाव का द्वार खुल जाएगा। इस एसोसिएशन के तहत, एमएसयू अपने शार्ट-टर्म प्रोग्रामों को नेशनल हायर एजुकेशन फ्रेमवर्क (एनएचईक्यूएफ) या राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क (एनएसक्यूएफ) के तहत संरेखित करने के लिए एनएसडीसी के रजिस्टर्ड ट्रेनिंग पार्टनर्स के साथ मिलकर काम करेगा, जो कि नियामक संस्थाओं यूजीसी और एनसीवीईटी द्वारा विधिवत अधिसूचित व्यापक एजुकेशनल फ्रेमवर्क है। एनएचईक्यूएफ विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा राष्ट्रीय क्रेडिट फ्रेमवर्क (एनसीआरएफ) के संबंध में सभी स्तरों पर उच्च शिक्षा योग्यताओं की तुलनीयता और मानकीकरण की सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से तैयार किया गया एक आउटकम ओरिएन्टेड करिकुलम फ्रेमवर्क है।

उल्लेखनीय है कि एनएसडीसी और एमएसयू द्वारा प्रोग्राम के संरेखण और मान्यता के बाद, उम्मीदवारों को एड-टेक प्लेटफार्मों और कौशल संस्थानों के माध्यम से किए गए उनके शार्ट-टर्म स्किल-बेस्ड कोर्सेज़ के लिए एकेडेमिक क्रेडिट से सम्मानित किया जाएगा। और इसे भारत सरकार द्वारा बनाए गए उम्मीदवार के डिजी-लॉकर और एपीएआर आईडी (ऑटोमेटेड पर्मानेन्ट एकेडेमिक अकाउंट रजिस्ट्री) से जुड़े एकेडेमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स (एबीसी) में अपलोड किया जाएगा। एपीएआर आईडी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी2020) के अनुरूप शुरू की गई एक परिवर्तनकारी पहल है, और यह एक यूनीक आइडेन्टिफिकेशन नम्बर (वन स्टूडेन्ट – वन आईडी) है जो पूरे भारत में स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा और स्किल्स ईकोसिस्टम से सभी शिक्षार्थियों को सौंपी जाती है। एबीसी में उम्मीदवार द्वारा जमा किए गए क्रेडिट को उच्च शिक्षा में फॉर्मल क्वालिफिकेशन प्रदान करने के लिए कॉलेज/विश्वविद्यालय द्वारा स्थानांतरित और रिडीम किया जा सकता है।

पूरी प्रक्रिया को स्किल इंडिया डिजिटल हब (सिद्ध) के माध्यम से इंटीग्रेट और डिजिटल रूप से सक्षम किया जाएगा, जोकि एनएसडीसी और एमएसडीई की एक परिवर्तनकारी पहल है। एड-टेक कंपनियों (ट्रेनिंग पार्टनर) द्वारा सिद्ध प्लेटफॉर्म की पेशकश करने वाले सभी कौशल पाठ्यक्रमों को एकेडमिक क्रेडिट लिंकेज की सुविधा प्रदान की जाएगी और सिद्ध के माध्यम से शिक्षार्थियों द्वारा अर्जित क्रेडिट को एकेडेमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स (एबीसी) पोर्टल पर निर्बाध लिंकेज के माध्यम से अर्जित या रिडीम किया जाएगा। इस साझेदारी पर टिप्पणी करते हुए, राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के सीईओ श्री वेद मणि तिवारी ने कहा कि, “यह साझेदारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 में उल्लिखित मूलभूत सिद्धांतों के अनुरूप है, जिसमें यह कहा गया है कि स्किल सर्टिफिकेशन हायर एजुकेशन इकोसिस्टम का अभिन्न हिस्सा है। एकेडमिक क्रेडिटाइज़ेशन प्राप्त करना यह सुनिश्चित करता है कि कौशल प्रशिक्षण के माध्यम से अर्जित सर्टिफिकेशन को शैक्षणिक संस्थानों और इम्प्लॉयर के व्यापक स्पेक्ट्रम द्वारा मान्यता दी जाने के साथ महत्व दिया जाता है। इस महत्वपूर्ण प्रगति पर अपने विचार प्रकट करते हुए, मेधावी स्किल्स यूनिवर्सिटी (एमएसयू) के फाउंडर और चांसलर श्री प्रवेश दुदानी कहते हैं कि “यह साझेदारी भारतीय छात्रों के लिए शिक्षा और रोजगार के बीच गैप को पाटने के लिए डिज़ाइन की गई है क्योंकि एबीसी लिंकेज, स्किल बेस्ड ट्रेनिंग और मेनस्ट्रीम हायर एजुकेशन के बीच शिक्षार्थियों के लिए सहज मोबिलिटी की सुविधा प्रदान करेगा, जिससे कैरियर में प्रगति के नए रास्ते खुलेंगे।” इस साझेदारी पर टिप्पणी करते हुए, एमएसयू के प्रो-चांसलर श्री कुलदीप सरमा ने आगे कहा कि, “यह साझेदारी एक गेम-चेंजर बनने की दिशा में अग्रसर है, जो स्किलिंग और प्रोफेशनल सर्टिफिकेशन के सर्टिफिकेशन वैल्यू और ट्रान्सफरेबिलिटी, रिकग्निशन में वृद्धि और कैरियर ग्रोथ के लिए सुव्यवस्थित मार्गों द्वारा स्किल इकोसिस्टम में एक आदर्श बदलाव की पेशकश करती है।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *