आईबिस कोलकाता राजारहाट ने “वर्दी में महिलाएं: सीमाओं से परे” को मान्यता दी

आईबिस कोलकाता राजारहाट ने 5 मार्च को एक विशेष महिला दिवस समारोह कार्यक्रम “Women in Uniform: Beyond Boundaries” मनाया। इस कार्यक्रम में पूर्व-IAS, डॉक्टर, पायलट और सशस्त्र बलों जैसे क्षेत्रों के प्रतिष्ठित अतिथियों के साथ-साथ वर्दीधारी लगभग आधा दर्जन महिलाओ को सम्मानित किया गया। आईबिस कोलकाता राजारहाट की जनरल मैनेजर सुश्री अमिता मिश्रा ने सम्मान समारोह का नेतृत्व किया। यह कार्यक्रम शाम 4:00 बजे से 6:00 बजे तक चला। सुश्री अमिता मिश्रा ने कहा, “परंपरागत रूप से पुरुष-प्रधान सेक्टरों में महिलाओं का पैर जमाना विशेष रूप से वर्दी वाले क्षेत्रों में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ना लैंगिक समानता और सामाजिक विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति का संकेत है। महिलाओं की बढ़ती हिस्सेदारी न केवल  वर्कफोर्स (कार्यबल) में विविधता लाती है बल्कि भावी पीढ़ियों के लिए सशक्तिकरण और प्रेरणा का प्रतीक भी बनती है। हमें इस महिला दिवस पर ऐसी साहसी और निष्ठावान महिलाओं को आमंत्रित और सम्मानित करते हुए खुशी हो रही है।”

उन्होंने आगे कहा, “वर्दी पहनने से महिलाएं न केवल स्किल्स, नेतृत्व के अवसर और पहचान की भावना हासिल करती हैं, बल्कि गहरी जड़ें जमा चुके लैंगिक भेदभाव और रूढ़िवादिता को भी चुनौती देती हैं। भेदभाव और कई भूमिकाओं को निभाने जैसी विकट बाधाओं के बावजूद उनका लचीलापन और दृढ़ संकल्प नज़र आता है, जिससे समावेशिता और विविधता की मान्यता की ओर सांस्कृतिक बदलाव आता है। मैं इस महान आयोजन के पीछे करिश्माई महिला सुश्री अमिता मिश्रा को बधाई देता हूं।”

वर्दी वाली महिलाओं का सामाजिक प्रभाव उनकी उपलब्धियों से कहीं ज्यादा होता है। यह टीम की प्रभावशीलता को बढ़ाता है और ज्यादा न्यायसंगत और सहयोगपूर्ण वातावरण को बढ़ावा देता है। उनके अमूल्य योगदान को स्वीकार करने, प्रणालीगत बाधाओं को दूर करने और समावेशिता की वकालत करके हम वर्दी में महिलाओं की क्षमता का पूरी तरह से उपयोग कर सकते हैं और सभी के लिए एक उज्जवल, ज्यादा न्यायसंगत भविष्य बना सकते हैं। इस कार्यक्रम का आयोजन दुनिया भर में महिलाओं की उपलब्धियों और मुश्किलों से उबरने की काबिलियत का सम्मान करने का एक मंच है, चाहे उनके सामने कितनी भी चुनौतियाँ क्यों न हों महिलाएं अपने इरादे और मेहनत से सफलता हासिल करती हैं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं की आवाज़ को बढ़ाना, लैंगिक समानता की वकालत करना और महिला नेताओं की भविष्य की पीढ़ियों को प्रेरित करना है।

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